साइबर क्राइम की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी ने युवाओं से व्हाट्सएप को गाइडलाइंस के साथ इस्तेमाल करने के लिए कहा है. इसी के साथ एडीजी ने पुलिस को लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है.
नई दिल्ली: साइबर अपराध के लगातार बढ़ते मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऑनलाइन चैटिंग एप्स के जरिए ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. व्हाट्सएप, मैसेंजर और फेसबुक के जरिए ठगी पर रोकथाम के लिए आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जेएस गंगवार ने व्हाट्सएप इस्तेमाल करने वालों के लिए गाइडलाइंस जारी हैं. एडीजी ने जिला पुलिस को आम जनता को जागरूक होने के लिए कहा है.
साइबर फ्रॉड में अक्सर बदमाश मैसेंजर से निजी जानकारियों को जुटा लेते हैं जिसके बाद बैंक खातों तक पहुंच बना लेते हैं. इसी के साथ लिंक के जरिए फोन के डेटा को चुरा लिया जाता है. अनजाने में किसी भी लिंक को फोन में खोलने से बचना चाहिए.
ईओयू एडीजी द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए ठगी से बचा जा सकता है जिसमें अजनबियों या किसी अज्ञात नंबर से भेजे गए या प्राप्त फाइल को कभी भी डाउनलोड ना करें. इसी के साथ व्हाट्सएप से कभी भी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते के डिटेल्स, पिन और पासवर्ड आदि शेयर नहीं करें.
सुनिश्चित करें कि फोन में क्लाउड बैकअप बंद किया हो, क्लाउड प्रदाता के साथ डेटा साझा करने पर सुरक्षित नहीं है. हमेशा अपने मोबाइल डिवाइस पर एक एंटी वायरस सुरक्षा सॉल्यूशन रखना चाहिए. व्हाट्सएप वेक को लॉगइन करते समय हमेशा सावधान रहें और सभी कंप्यूटरों से इसे लॉगआउट करें. ओपन वाईफाई नेटवर्क में कनेक्ट हों तो व्हाट्सएप का प्रयोग करने से बचें.
व्हाट्सएप प्रयोग करते समय अज्ञात नंबरों को ब्लॉक करने के लिए विशेष चैट विंडो को खोलें और मोर ऑप्शन पर जाकर उसे ब्लॉक करें. इसी के साथ छह अंकों का गुप्त कोड जाने बिना कोई भी आपके व्हाट्सएप को सेट नहीं कर सकता है. ट्रू फैक्टर ऑथोन्टिकेशन को ऑन रखें.
वहीं कभी उस संदेश पर भरोसा नहीं करें जो व्हाट्सएप से आने और किस भी भुगतान का दावा करता है. यदि कभी फोन या मोबाइल गुम हो जाता है तो तुरंत ही व्हाट्सएप को निष्क्रिय कर दें. अपने प्रोफाइल फोटो का केवल अपने संपर्क में आने वाले नंबरों तक ही सीमित रखें. ऑटोमैटिक डाउनलोड के ऑप्शन को बंद रखें.