बॉलीवुड इंडस्ट्री के “किंग ऑफ़ सीरियस कॉमेडी” पंकज त्रिपाठी का जन्म 5 सितम्बर, 1976 की बिहार के गोपालगंज जिले में हुआ था| आज करोड़ों की सम्पति के मालिक पंकज का बचपन बीता था| एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि, “एक समय था जब उनके गांव में बिजली नहीं थी| अधिकतर दिन अंधेरे और मोमबत्तियों में व्यतीत होता था| न घर में टीवी था, न सिनेमा में कुछ देखने को था| चीजों का अभाव था फिर भी हम खुश रहते थे| घर के पीछे एक नदी बहती थी जिसमें तैरना सीखा था| लेकिन इसके पीछे भी एक मजेदार किस्सा जुड़ा है| गांव में नदी के सतह पर बहुत तेज दौड़ने वाले कीड़े रहते थे| एक बार तेज दौड़ने के लिए मैंने किसी दोस्त की सलाह पर उन कीड़ों को ही खा लिया था|” मिर्जापुर में सीरियस सा रोल करने वाले पंकज त्रिपाठी असल जिंदगी में भी काफी शांत स्वभाव के हैं लेकिन क्या आपको पता है कि कालीन भैया को सात दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था, जिसका खुलासा उन्होंने कपिल शर्मा शो किया था| बतौर पंकज त्रिपाठी जब वह मगध विश्वविद्यालय,पटना में पढ़ते थे तब उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ज्वाइन की थी। इसी दौरान किसी कारण उन्हें जेल हुई थी| पंकज ने बताया कि क्योंकि मामला राजनीति से जुड़ा था इसलिए उन्हें अलग बैरक में रखा गया था| उस वक्त क्रिसमस की छुट्टी आसपास थी, इसलिए उन्हें एक सप्ताह तक रहना पड़ा था| बाद में जमानत पर बेल मिल गई थी, लेकिन इन्हीं दिनों ने उनकी जिंदगी भी बदल डाली|
फिल्मों में एक्टिंग करने से पहले पंकज त्रिपाठी पटना के मौर्या होटल में काम करते थे| उस दौरान मनोज बाजपेयी उस होटल में रुकने के लिए आए थे, उस दौरान मनोज बायपेयी अपनी चप्पल छोड़ गए थे, स्टाफ से मिन्नतें करने के बाद उन्होंने वो चप्पल अपने पास रख ली, क्योंकि वो मनोज को अपना बहुत बड़ा गुरु मानते थे| 2004 में आई ‘रन’ में छोटा सा किरदार निभाने के बाद वह कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल में नजर आए, लेकिन उनकी किस्मत 2012 में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से चमकी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों और वेब सीरीज में बेहतरीन अभिनय किया| ‘मिर्जापुर’ के कालीन भैया हो या फिर ‘क्रिमिनल जस्टिस’ के माधव मिश्रा, हर वेब सीरीज में उन्होंने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया| वहीं, सेक्रेड गेम के गुरुजी बनकर भी छा गए थे, इसके अलावा वह ‘लूका छुपी’, ‘न्यूटन’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘गुड़गांव’ सहित कई फिल्मों में नजर आए हैं|